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रायपुर में नई पुलिसिंग व्यवस्था—अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस कमिश्नर सिस्टम का आगमन
रायपुर, 15 अगस्त 2025
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस परेड ग्राउंड रायपुर में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राज्य की राजधानी रायपुर में जल्द ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जाएगी। इस नई व्यवस्था से कानून-व्यवस्था में मजबूती आएगी और अपराधों पर तेज़ी से नियंत्रण पाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बढ़ते अपराधों और शहरीकरण की चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक पुलिसिंग सिस्टम की जरूरत है। रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ उन राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां विकसित पुलिसिंग व्यवस्था संचालित होती है.
पुलिस कमिश्नर प्रणाली क्या है और कैसे होगा काम?
मुख्य विशेषताएं:
1. प्रशासनिक संरचना में बदलाव:
- एडीजी स्तर के IPS अधिकारी को पुलिस कमिश्नर बनाया जाएगा
- शहर को अलग-अलग जोन में बांटा जाएगा
- हर जोन में एक DCP (Deputy Commissioner of Police) की तैनाती होगी जो SP की तरह काम करेगा
- 2-4 थानों के लिए एक ACP (Assistant Commissioner of Police) नियुक्त किया जाएगा
2. बढ़े हुए अधिकार:
पुलिस कमिश्नर को मिलने वाली शक्तियां:
- जिला मजिस्ट्रेट और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार
- गुंडा एक्ट और रासुका लगाने की शक्ति
- होटल लाइसेंस, हथियार लाइसेंस, बार लाइसेंस देने का अधिकार
- धरना-प्रदर्शन की अनुमति देना
- कानून व्यवस्था की आकस्मिक स्थिति में तुरंत निर्णय लेने की शक्ति
3. त्वरित निर्णय प्रक्रिया:
पुलिस कमिश्नर को डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वे परिस्थिति के अनुसार तुरंत फैसला ले सकेंगे, जिससे अपराध नियंत्रण में तेज़ी आएगी।
रायपुर में अपराध की स्थिति और जरूरत
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार रायपुर में अपराधों की स्थिति:
2023-24 के आंकड़े:
- हत्या: 2023 में 63, 2024 में 70 (7 मामले बढ़े)
- बलात्कार: 2023 में 223, 2024 में 218 (5 मामले कम)
- चोरी: 2023 में 1588, 2024 में 1420 (168 मामले कम)
- डकैती: 2023 में 5, 2024 में 2 (3 मामले कम)
हालांकि कुछ अपराधों में कमी आई है, लेकिन बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण की वजह से एक मजबूत पुलिसिंग सिस्टम की जरूरत महसूस की जा रही है।
तैयारी और क्रियान्वयन
- सेटअप तैयार: रायपुर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम का सेटअप तैयार हो चुका है
- 62 अधिकारियों का ढांचा: नई व्यवस्था के लिए 62 अधिकारियों का संगठनात्मक ढांचा तैयार किया गया है
- मध्यप्रदेश से अध्ययन: छत्तीसगढ़ के गृह विभाग के अधिकारियों ने मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर में सफलतापूर्वक चल रहे पुलिस कमिश्नर सिस्टम का अध्ययन किया है
भविष्य की योजना
रायपुर के बाद बिलासपुर और दुर्ग जैसे बड़े शहरों में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जा सकती है। सरकार 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इस सिस्टम को प्राथमिकता देने की योजना बना रही है।
सिस्टम के फायदे
1. त्वरित कार्रवाई: कानून व्यवस्था की समस्याओं का तुरंत समाधान
2. एकीकृत कमांड: सभी पुलिस गतिविधियों पर केंद्रीकृत नियंत्रण
3. विशेषज्ञता: अलग-अलग क्षेत्रों के लिए विशेषज्ञ अधिकारी
4. जवाबदेही: स्पष्ट जिम्मेदारियों से बेहतर प्रदर्शन
5. नागरिक सुविधा: लाइसेंस और अनुमति संबंधी कार्यों में तेज़ी
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में पुलिस कमिश्नर प्रणाली की शुरुआत राज्य की कानून व्यवस्था के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह नई व्यवस्था न केवल अपराध नियंत्रण में सुधार लाएगी, बल्कि आधुनिक पुलिसिंग के मानकों पर छत्तीसगढ़ को खड़ा करेगी। रायपुर से शुरू होकर यह सिस्टम राज्य के अन्य बड़े शहरों में भी विस्तार पाएगा।
“अपराध नियंत्रण के लिए आधुनिक पुलिसिंग—छत्तीसगढ़ की नई पहल!”